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हो गया पर होना नहीं चाहिए

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हो गया पर होना नहीं चाहिए
छत्तीसगढ में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। सरकार व जिला प्रशासन लोगों को कोरोना से बचाव के लिए कोरोना प्रोटोकाल पालन करने को कह रहे हैं। जनवरी से घर से मास्क पहन कर नहीं निकलने वालों से जुर्माना लिया जा रहा है। लोगों को समझाया जा रहा है कि जरूरी काम न हो तो घर से बाहर न निकलें। जहां भी भीड़ हो वहां कोरोना से बचाव के सारे उपाय करें। एक जनवरी को छत्तीसगढ़ में 279 कोरोना मरीज मिलने पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से छत्तीसगढ़ के बारे में पूछा तो मुख्यमंत्री ने यहां कोरोना से निपटने के विषय में कहा है कि यहां कोरोना से निपटने की पूरी तैयारी है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि राज्य सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए अच्छी तैयारी महीनों से कर रखी है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि कोरोना की तीसरी लहर में दूसरी लहर की तरह लोगों को कोई दिक्कत नहीं होगी। सरकार की तैयारी पर तो कोई शक शुबहा नहीं है। लेकिन राज्य के लोग अपने को कोरोना से कितना बचा पाएंगे यह कहा नहीं डा सकता। अखबार में यह पढडना अच्छा नहीं लगता है कि कोरोना के मामले राज्य में बढ़ रहेह हैंम। इसी तरह यह पढ़कर भी अच्छा नहीं लगता है कि राज्य के स्वास्थ्य मंज्ञी टीएस सिंहदेव को कोरोना हो गया है, वह भी दूसरी बार। हर कोई जानता है कि कोरोना हुआ है तो इसका मतलब है कि कोरोना से बचाव के नियमों का पालन नहीं किया गया है। इस बात में दो मत नहीं है कि मंत्री व मुख्यमंत्री को दिन भर लोगों से मिलना पड़ता है। कर्ई कार्यक्रमों में जाना पड़ता है, उन्हें कोरोना होने की ज्यादा आशंका होती है। इसलिए उन्हें कोरोना से बचाव के सारे उपाय ज्यादा करने चाहिए। उन्हें ज्यादा सावधान रहना चाहिए। जिस तरह थानेदार के यहां चोरी हो जाए तो शहर की सुरक्षा व्यवस्था पर लोग सवाल उठाएंगे ही। लोग तो कहेंगे ही जब थानेदार के यहां चोरी हो सकती है तो आम लोगों के घर चोरो से कैसे सुरक्षित रह सकते हैं। इसी तरह जिस राज्य में स्वास्थ्य मंत्री को दो बार कोरोना हो जाए तो वह लोगों को कैसे कह सकते हैं कि कोरोना से बचाव के लिए नियमों का पालन करें।लोग तो कहेंगे कि मंत्री खुद कोरोना से बचाव के नियमो का पालन नहीं करते और हमें कहते हैं। खुद कोरोना से बच नहीं पा रहे हैं और हमें बचने के लिए कह रहे हैं। लोगों की अपेक्षा रहती है कि स्वास्थ्य मंत्री ही नहीं उसके परिवार ,उसके मोहल्ले तथा उसके शहर में भी किसी को कोरोना नहीं होना चाहिए। तब ही तो माना जाएगा कि स्वास्थ्य मंत्री खुद कोरोना से बच सकते हैं तथा दूसरों को बचा सकते हैं। मुख्यमंत्री से लेकर मंत्रियों को तो कोरोना से बचाव के नियमों का पालन करने में मिसाल होना चाहिए. तब ही तो लोग उनसे प्रेरणा लेकर कोरोना से बचाव के लिए सजग रहना सीखेंगे।

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