रायपुर (वीएनएस)। भाजपा विधायक व पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल की प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनके दिए बयान पर पलटवार करते हुए छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस संयुक्त सचिव राजकुमार दुबे ने कहा कि जिस संस्था को बृजमोहन एक आतंकी संस्था बता रहे हैं, उसी संस्था को भाजपा के ही केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी प्रशस्ति पत्र भेज कर उसकी तारीफ़ की थी।
दरअसल पिछले दिनों संस्था दावते इस्लामी ने राजधानी में जमीन आबंटन के लिए आवेदन लगाया था, जिसमे त्रुटिवश 10 हजार वर्गफीट की जगह 25 एकड़ जमीन का उल्लेख हो गया था। सरकार ने पूर्व आवेदन को निरस्त कर नया आवेदन करने संस्था को निर्देशित किया। इसे लेकर भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन का कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा था। बृजमोहन अग्रवाल ने कहा था बृजमोहन अग्रवाल ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ की सरकार राजधानी रायपुर के बोरियाखुर्द इलाके में एक ऐसी संंस्था को जमीन देने जा रही है जो कि पाकिस्तान में रजिस्टर्ड है। यह संस्था आतंकवाद फैलाने का काम करती रही है। उन्होंने कहा कि दावत ए इस्लामी ने बोरियाखुर्द में 25 एकड़ जमीन के लिए 2020 में आवेदन लगाया था। किसी संस्था को सामुदायिक भवन या अन्य कार्य के लिए जमीन दी भी जाती है तो वह साढ़े सात एकड़ से ज्यादा नहीं होती। यहां तो छत्तीसगढ़ के स्वाभिमान की बात करने वाले लोग सीधे 25 एकड़ जमीन देने राजी हो गए हैं। ये जमीन ऐसी संस्था को दी जा रही है जिसका रजिस्ट्रेशन पाकिस्तान में है। सरकार जवाब दे कि इस संस्था के पाकिस्तान से क्या संबंध हैं? इस संस्था के पास विदेशों से पैसा आता है और यह भारत में आतंकवाद फैलाने का काम करती है। हमें लगता है कि किसी दबाव के कारण तहसीलदार को जमीन देने की इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाना पड़ रहा है।
प्रदेश कांग्रेस संयुक्त सचिव दुबे ने कहा कि जिस संस्था को विधायक अग्रवाल आतंकी संस्था बता रहे हैं, उसी संस्था को भाजपा के ही केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितीन गडकरी ने 28 नवंबर 2021 को पत्र लिखा कर सराहा था। यह संस्था छत्तीसगढ़ में पिछले 15 सालों से अधिक समय से काम कर रही है। बृजमोहन अग्रवालन झूठ बोल रहे कि दावते इस्लामी नामक संस्था ने 25 एकड़ जमीन के लिये आवेदन किया था इस संस्था ने केवल 10000 हजार वर्गफुट जमीन के लिये आवेदन किया था। त्रुटिवश इस्तेहार में 10 हजार वर्ग फिट की जगह हेक्टेयर प्रकाशित हुआ था। जहां पर जमीन मांगा गया बोरिया में इतनी जमीन है ही नहीं। छत्तीसगढ़ में शासकीय भूमि आबंटन के लिये जो नियम बने है उसके अनुसार जिलाधीश को सिर्फ 7000 वर्ग फुट जमीन आबंदन का अधिकार है। अतः 10 हजार वर्ग फुट आवेदन के लिये कोई भी निर्णय जिला प्रशासन, राज्य प्रशासन को प्रस्तुत करता है।