कबीरधाम (वीएनएस)। स्वास्थ्य सचिव के संभावित दौरे को लेकर लीपा पोती में लगे जिला हॉस्पिटल प्रबंधन की लापरवाही फिर एक बार सामने आई है। सालों से बिना बॉयोमेडिकल वेस्ट लायसेंस के चल रहे जिला हॉस्पिटल में बॉयोमेडिकल वेस्ट की बदबू से मरीज और परिजन परेशान है। बॉयोमेडिकल वेस्ट के खुले में पड़े रहने से संक्रामक व खतरनाक बीमारियों के फैलने का खतरा बना हुआ है।
मिली जानकारिनुसार जिला हॉस्पिटल में प्रसव कक्ष व ऑपरेशन थियेटर के ठीक पीछे बिगड़ी अवस्थी में खड़ी एम्बुलेंस में बॉयोमेडिकल वेस्ट के लाल पीले काले बैग जिसमें बड़ी मात्रा में संक्रमित रक्त पट्टिया, ऑपरेशन से निकले मानव अंग के अवशेष, इंजेक्शन, सीरिंज, वैक्सीन व दवाइयां शामिल हैं फेक दिए गए है जो सड़ांध मार रहे है। इनकी दुर्गंध ऑपरेशन थियेटर तक जा रही है।
अस्पताल से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण के लिए एक तय प्रक्रिया निर्धारित है। इसका उल्लंघन करना अपराध की श्रेणी में आता है। बावजूद इसके जिला हॉस्पिटल की लापरवाही जानलेवा साबित हो रही है।
बॉयोमेडिकल वेस्ट का निष्पादन जरूरी है ताकि अस्पताल से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थों से होने वाले खतरों को टाला जा सके। इसके लिए बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट रुल्स में एक निर्धारित प्रक्रिया तय की गई है। सभी अस्पताल व नर्सिंग होम से बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण के लिए बड़ी एजेंसियों से करार करते हैं। यह एजेंसियां बायो मेडिकल वेस्ट एकत्र कर वैज्ञानिक ढंग से इनका निस्तारण करती हैं। बायो मेडिकल वेस्ट से एचआइवी, हेपटाइटिस, टिटनेस, निमोनिया तथा अन्य तरह के संक्रामक रोगों का खतरा बना रहता है।
सीएमएचओ डॉ. शैलेन्द्र कुमार मंडल का कहना है कि अस्पतालों में बायो मेडिकल वेस्ट निष्पादन का रजिस्ट्रेशन अप्रैल 2021 में खत्म हो गया है। अस्पतालों को इसे ऑनलाइन रिनिवल करने निर्देश दिए हैं। ताकि जिस कंपनी से हमारा करार हुआ है, वह अपनी गाड़ियां भेजकर मेडिकल वेस्ट को डिस्पोज करें। खुले में मेडिकल कचरा फैलने से हवा के जरिए संक्रमण फैलने की आशंका बनी रहती है। अब तक अनुबंध क्यों नही हुआ है पता करवाता हु कह कर टाल गए।